दिल्ली . आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ी अजिंक्य रहाणे Rahane नेे कहा है कि अगर प्रशंसकों के स्वास्थ्य की बात है तो वह बिना […]
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सलामी बल्लेबाज शिखर धवन की पत्नी और बेटे से हो गई फाइट, फैंस से कहा..
रायपुर . भारतीय क्रिकेट में गब्बर कहलाने वाले shikhar dhavan शिखर धवन की अपने बेटे से जमकर फाइट हो गई है। जी…हां, ये सच बात […]
ICC का दावा… क्रिकेटरों से सेटिंग करने की जुगत लगा रहे हैं फिक्सर, बचकर रहें
रायपुर . इंटरनेशल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ICC ने क्रिकेटरों से कहा है कि भले ही कोरोना से दुनियाभर में क्रिकेट टूर्नामेंट रद्द कर दिया गया […]
अच्छी ख़बर: भारतीय वैज्ञानिको ने विकसित की अंगूर की नई किस्म
किसान और कारोबारियों को होगा फायदा पुणे. पुणे स्थित आघारकर अनुसंधान संस्थान(एआरआइ) के वैज्ञानिकों ने अंगूर की नई किस्म विकसित की है। यह किस्म पैदावार में बेहतर होने के साथ-साथ फफूंदरोधी है। वैज्ञानिको का दावा है कि अंगूर की यह नई किस्म जूस, जैम और रेड वाइन बनाने में उपयोगी सिद्ध साबित होगी। अंगूर की इस नई किस्म का पैदावार करने में किसान भी काफी उत्साहित हो रहे है। इस तरह तैयार की गई नई किस्म एआरआई की वैज्ञानिक डॉ. सुजाता तेलाली ने मीडियाकर्मियों को बताया क एआरआइ-516 अंगूर की प्रजात काटावाबा और विटिस विनिफेरा को मिलाकर विकसित की गई है। यह नई किस्म बीज रहित है। इन अंगूरो की खासियत यह है क इनका जीन्स एक जैसा होता है। यह किस्म पंजाब, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तेलंगाना की जलवायु के अनुकूल है। अंगूर की यह नई किस्म 110 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है। अंगूर उत्पादन में भारत का 12वां स्थान अंगूर उत्पदान के क्षेत्र में भारत का विश्व में 12वां स्थान है। यहां 78 प्रतिशत अंगूर का उत्पदान खाने के लिए किया जाता है। 17 से 20 प्रतिशत अंगूरों से किश्मिश और मुनक्का तैयार किया जाता है। 1.5 प्रतिशत अंगूरों से वाइन बनाई जाती है। 0.5 प्रतिशत अंगूर का इस्तेमाल जूस बनाने में किया जाता है।