रायपुर . मुस्लिम समुदाय का पवित्र महीना रमजान ramzan 25 अप्रैल से शुरू हो जाएगा। कोरोना वायरस की वजह से इस साल लोगों को मस्जिद में जाकर रोज इफ्तार करने अनुमति नहीं होगी। इसी तरह वे मस्जिद में तरवीह की नमाज भी अदा नहीं कर पाएंगे। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि कोरोना एहतियात को ध्यान में रखते हुए सभी लोग अपने घरों में ही ramzan नमाज की पाबंदी करें।
इस मुश्किल घड़ी में सबकी सुरक्षा के लिहाज से ये सही रहेगा। यदि कोई एडवाइजरी का उल्लंघन करता है तो पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा सकेगी। बता दें कि मुस्लिम समाज रमजान के लिए बसर्बी से इंतजार करता है। रमजान ramzan की सेहरी और फिर इफ्तार के लिए लोग उत्सुक होते हैं। अल्लाह को राजी करने के लिए नमाज की पाबंदी करते हैं।
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वक्फ बोर्ड ने कहा कि भले ही मस्जिदों में जाकर नमाज व रोज इफ्तार की पाबंदी रहेगी, लेेेकिन लोगों की सहूलियत के लिए रोजाना पांच मुकर्रर वक्त पर अजान जरूर जारी रहेगी। यह एडवाइजरी प्रदेश की सभी मस्जिदों और जामा मस्जिदों को पहुंचा दी गई है।
क्यों मनाते हैं Ramzan
इस्लाम धर्म में रमजान में रोजे रखने का प्रचलन काफी पुराना है इस्लामिक धर्म की मान्यताओं के अनुसार मोहम्मद साहब (इस्लामिक पैगम्बर) को वर्ष 610 ईसवी में जब इस्लाम की पवित्र किताब कुरान शरीफ का ज्ञान हुआ तो तब से ही रमजान महीने को इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र माह के रूप में मनाया जाने लगा.