रायपुर . अवकाश अवधि में सरकारी स्कूल के बच्चों को बांटा जा रहा सूखा अनाज(चावल-दाल) में लापरवाही बरतना स्कूल के दो शिक्षकों को भारी पड़ गया। जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव ने खैरागढ़ ब्लॉक की प्राथमिक शाला सिंगारघाट सहायक शिक्षक व प्रभारी प्रधान पाठक सुलोचना रामटेक को निलंबित (suspend) कर दिया है।
कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इन्हें स्कूल के बच्चों को सूखा राशन घर पर पहुंचाने जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन प्राथमिक शाला बोरतालाब में शिकायत मिली कि यहां बच्चों को बांटा गए राशन में मात्रा कम थी।

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जांच कराने पर पुष्टि
जांच कराने पर इसकी पुष्टि हो गई। इसी तरह राजनांदगांव जिले में बोरतालाब शाला के प्रभारी प्रधान पाठक मनीष कुमार बडोले ने कुछ जगहों पर दाल की मात्रा तय सीमा से कम दी। शिकायत के बाद जांच में इसको गिल्टी (suspend) माना गया। कोरोना वायरस की वजह से प्रदेश की सरकारी स्कूलों के करीब सवा लाख विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन के बदले सूखा राशन उपलब्ध कराया गया है।
स्कूली बच्चों को पोषण आहर मिलता रहे, इसलिए राज्य सरकार की ओर से यह व्यवस्था की गई है। जिला शिक्षा अधिकारियों ने ३ अप्रेल से सोसाइटियों की मदद से अवकाश के दिनों का सूखा राशन बच्चों तक पहुुंचाना शुरू कर दिया।
सभी की जिम्मेदारी तय की गई
कोरोना की वजह से प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति है, ऐसे में सभी बीईओ, प्रधान पाठक और शिक्षक जिले के सवा लाख बच्चों के घरों में पहुंचकर उनको राशन उपलब्ध करा रहे हैं। इस कार्यक्रम में शिक्षक, प्रधान पाठक सभी की जिम्मेदारी तय की गई थी। साथ ही यह देखने को कहा था कि किसी भी बच्चे को दाल-चावल की जो मात्रा तय की गई है, उससे कम नहीं मिले।
4 किलो चावल और 800 ग्राम दाल
इस तरह तय है राशन की मात्रा मुश्किल की इस घड़ी में बच्चों के पालकों को सूखा दाल और चावल वितरण करना है। इसमें प्राइमरी स्कूल के बच्चे को 4 किलो चावल और 800 ग्राम दाल मिलेगी। इसी तरह मिडिल कक्षा के बच्चों को 6 किलो चावल और 1200 ग्राम दाल दिया जाना है। प्रधान पाठक व सचिव गांव के स्थानीय शिक्षक, समूह व स्वयंसेवी के जरिए घर-घर जाकर बच्चों को राशन बाटेंगे। राशन पाने वाले पालकों को हस्ताक्षर भी करना होगा।