आर्थिक तंगी से गुजर रहे किसान
रायपुर. Chhattisgarh farmer लॉकडाउन को एक महीने पूरे हो चुके हैं। जिले में भी कोरोना के खौफ व लॉकडाउन के कारण ग्रामीणों की भी अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। आर्थिक तंगी से गुजर रहे किसान बीते साल बैंक लोन नहीं चुका पा रहे है।
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बैंक द्वारा बांटे गए लोन में से 85 प्रतिशत ने ही राशि आपस आई है। अब आर्थिक स्थिति खराब होने तथा कर्ज नहीं चुकाने के कारण किसान (Chhattisgarh farmer) समितियों से खाद बीज का अग्रिम उठाव नहीं कर रहे हैं।
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जबकि खाद-बीज समितियों में भंडारण किया जा चुका है। जिले में (Chhattisgarh farmer) अब तक 24649 क्विंटल बीज का भंडारण हुआ हुआ है जिसमें से सिर्फ 6112 क्विंटल बीज और 52135 मैट्रिक टन उर्वरक का भंडारण हुआ है। जिसमें से 48884 मैट्रिक टन का ही वितरण हुआ है। तिल्दा उड़द और मक्का सवा एकड़ ताराशिव
14 करोड़ का कर्ज अब भी बाकी
जिले में ज्यादातर लघु व सीमांत किसान (Chhattisgarh farmer) बैंक से ही कर्ज लेकर खेती करते हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण हालात ये है कि पिछले खरीफ सीजन 2019-20 में बैंकों किसानों को बांटे गए 155 करोड़ रुपए में से किसान 141 करोड़ रुपए ही चुका पाए हैं और 14 करोड़ का कर्ज अब भी बाकी है। तंगी की वजह से किसान समितियों से बीज और खाद का उठाव भी नहीं कर पा रहे हैं।
शुरू हो चुका है खरीब का सीजन
2020-21 खरीफ सीजन एक अप्रैल से शुरू हो चुका है। इसके साथ ही किसान (Chhattisgarh farmer) खेती की तैयारी शुरू कर देते हैं, लेकिन पिछला कर्ज नहीं चुका पाने के कारण किसान समितियों से खाद, बीज के उठाव की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। लॉकडाउन के कारण किसान कर्ज की राशि जमा नहीं कर रहे हैं।
हो जाएंगे डिफाल्टर
पहले कर्ज अदायगी की समय सीमा 31 मार्च तक रखी गई थी, बाद में इसे बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया। यदि 31 मार्च तक डेडलाइन होती तो हजारों किसान डिफॉल्टर घोषित हो जाते। 31 मई तक भी जिन किसानों (Chhattisgarh farmer) ने कर्ज नहीं दिया तो उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा।
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रायपुर के कृषि अधिकारी आरएल खर का कहना है कि पर्याप्त भंडारण कर दिया गया है। धीरे-धीरे किसान उठाव भी कर रह हैं। अब लॉकडाउन में छूट भी मिल गई है। उठाव में तेजी आएगी।