News Desk. कोरोना वायरस को लेकर रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासे के मुताबिक बच्चों और बुजुर्गों में शुरू के दस दिनों में संक्रमण के लक्षण नहीं दिखते लिहाजा तीन में से एक रोगी साईलेंट कैरियर बनकर अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
वुहान की हुआजहोंग यूनिवर्सिटी के एक हेल्थ एक्सपर्ट ने यह खुलासा किया है कि जिन संक्रमितों का इलाज हुआ, उनमें 59 फीसदी मरीज ऐसे थे जो बिना टेस्ट के ही बाहर हैं और इसी वजह से यह वायरस पहले हुबेई के बाद पूरी दुनिया में फैल गया।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डायरेक्टर रॉबर्ट रेडफिल्ड के मुताबिक, ऐसे सैकड़ों मरीज मिले हैं, जिन्हें अब हाई ट्रांसमिशन जोन में रखा गया है। वहीं, नीदरलैंड्स के अरासमस मेडिकल सेंटर में वायरस साइंस विभाग की प्रमुख मेरियन कूपमन्स के मुताबिक, संक्रमित मरीजों में 25 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिनमें कोविड-19 के शुरुआती लक्षण देखने नहीं मिले।
शुरुआती दिनों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आने के कारण साइलेंट कैरियर्स की संख्या इतनी ज्यादा है कि अब चीन, अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देश इसे लेकर खासे चिंतित हैं। चीन में ऐसे मरीजों को दोबारा जांचने के साथ लक्षणों की पहचान भी फिर से की जा रही है, जबकि अमेरिका में ऐसे मरीजों को हाई जोन में आइसोलेट किया गया है।
एक स्टडी के अनुसार कोरोना वायरस हर तीन में से एक मरीज वायरस का साइलेंट कैरियर बन रहा है। इनमें बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नहीं दिखते। वहीं छींक-खांसी से निकलीं बूंदें 27 फीट दूर जा सकती है। एमआईटी के असिस्टेंट प्रोफेसर और फ्लूएड डायनमिक्स एक्सपर्ट लीडिया बोरबिबा का कहना है कि किसी कोरोना संक्रमित की छींक या खांसी से निकलीं बूंदें 27 फीट (7-8 मीटर) दूर तक जा सकती हैं।