भोपाल. मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह के शपथ लेने के एक महीने बाद मंत्रीमंडल (MP Cabinet expansion) में पांच सदस्यों को शपथ दिलाई है। वहीं आधा दर्जन से ज्यादा दिग्गज नेता ऐसे हैं जिन्हें फिलहाल वेटिंग में रखा गया है। छोटा मंत्रीमंडल होने के चलते इन्हें इस शपथ ग्रहण में तवज्यो नहीं दी सकी है। वहीं कांग्रेस से टूटकर आए कई बड़े नेता भी फिलहाल वेटिंग में हैं।
बीजेपी के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह और कमल पटेल मंत्री बनाए गए हैं। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से टूटकर आए करीबी तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने भी इस मंत्रीमंडल में अपनी जगह बनाई है।
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की पिछली सरकार में मंत्री रहे दिग्गज नेताओं को इस बार कैबिनेट के पहले विस्तार में शामिल नहीं किया है। इनमें विधायक गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गौरीशंकर बिसेन, विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया, राजेंद्र शुक्ला और रामपाल सिंह जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं। ऐसे ही कांग्रेस से बीजेपी में आए बिसाहूलाल सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी को भी फिलहाल वेटिग में हैं।
3 मुख्यमंत्रियों के कैबिनेट में मंत्री रहे गोपाल भार्गव
बीजेपी के विधायक गोपाल भार्गव कमलनाथ सरकार के दौरान प्रतिपक्ष के नेता थे। प्रदेश में उमा भारती की सरकार से लेकर बाबू लाल गौर और शिवराज सिंह चौहान की सभी सरकारों में गोपाल भार्गव मंत्रिमंडल में शामिल रहे थे। बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं, लेकिन इस शिवराज कैबिनेट में फिलहाल जगह नहीं पा सके हैं।
बिसेन भी पहले चरण के विस्तार से वंचित
गौरीशंकर बिसेन सूबे में बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं। लोकसभा सदस्य से लेकर कई बार विधायक चुने जा चुके हैं। प्रदेश में 2008 से लेकर 2013 तक शिवराज कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री रहे, लेकिन इस बार उन्हें जगह नहीं मिल सकी है। वहीं, शिवराज सिंह की पिछली सरकार में गृह और परिवहन जैसे भारी भरकम मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाले भूपेंद्र सिंह को भी पहले चरण की कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।
यशोधरा राजे सिंधिया रह चुकी हैं चार बार विधायक
सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया चार बार की विधायक हैं। शिवराज की पिछली सरकार में मंत्री भी रही हैं, लेकिन इस बार जगह उनको भी नहीं मिली। कुंवर विजय शाह 1993 से लगातार विधायक हैं और 2008 से लेकर 2018 तक शिवराज सरकार में मंत्री रहे हैं, लेकिन इस बार जगह नहीं दी गई है।
राजेन्द्र शुक्ला भी इंतजार में
ऐसे ही मध्य प्रदेश में राजेंद्र शुक्ला बीजेपी के दिग्गज नेता और ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं। वो उमा भारतीय की सरकार से लेकर अभी तक बीजेपी की सभी सरकारों में मंत्री रहे हैं, लेकिन इस बार उन्हें भी कैबिनेट में जगह नहीं मिली। इसी तरह से रामपाल सिंह को भी फिलहाल कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है।
29 की और गुंजाईश
सूबे की 230 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की संख्या के लिहाज से मंत्रिमंडल में अधिकतम 15 प्रतिशत यानी 35 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। शिवराज सिंह चौहान ने फिलहाल 5 लोगों को जगह दी है और उन्हें मिलाकर छह लोग ही होते हैं। मंत्रिमंडल में अभी भी 29 जगह हैं, माना जा रहा है कि बाद में बीजेपी के दिग्गज नेताओं को जगह दी सकती है। इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले कुछ नेताओं को भी मंत्री बनाया जा सकता है।