बिलासपुर. अब छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन (lockdown) के दौरान मदिरालय नहीं खोले जाएंगे। इसे लेकर हाईकोर्ट (bilaspur high court) ने फरमान जारी किया है। दरअसल हाईकोर्ट में सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। इस सुनवाई में न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा एवं न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी की खंडपीठ ने छत्तीसगढ़ बेवरेज कारपोरेशन द्वारा गठित समिति को निरस्त करने का आदेश दिया।
बता दें कि राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता ममता शर्मा ने अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शराब दुकान खोले जाने के लिए कमेटी गठित किए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी शराब दुकानें खुलती है तो वहीं काफी भीड़ होने की वजह से कोरोना वायरस ज्यादा लोगों में फैल सकता है। लिहाजा लॉकडाउन तक शराब दुकानों को बंद रखा जाए।
कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने लॉकडाउन में शराब दुकान नहीं खोलने का निर्णय लिया है, ऐसे में कमेटी अपने आप निर्योग्य हो चुकी है। मामले पर फैसला सुनाने के बाद कोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया है।
तीन दिनों में खुले प्रयोगशाला
वहीं कोर्ट ने बिलासपुर में कोरोना वायरस के लिए परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए 3 दिनों के भीतर कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही केंद्र सरकार को अगले 3 दिनों में इसे मंजूरी देने का निर्देश दिया गया है।
मरकज से लौटे लोगों की सरकार लें जानकारी
हाईकोर्ट ने राज्य के डीजीपी और स्वास्थ्य सचिव को निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने वाले व्यक्तियों की जिलेवार डेटा और उनका सर्च ऑपरेशन तैयार रखने कहा है। कोर्ट ने कहा है कि यह तमाम डेटा फाइल एफिडेविट के साथ जारी रखने तथा इस संबंध में जानकारी एकत्रित करने का आदेश दिया है।