प्रबंधन की लापरवाही के चलते लायसेंस की मियाद खत्म
खुली पोल तो प्रबंधन कह रहा नवीनीकरण कराने की बात
रायपुर। शासकीय पैसे का दुरुपयोग किस तरह से किया जाता है? इस बात का सीख कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय(केटीयू) प्रबंधन की लापरवाही को देखकर आसानी से सीखा जा सकता है। केटीयू प्रबंधन ने करोड़ो रुपए खर्च करके इलेक्ट्रानिक मीडिया विभाग में रेडियो और टीवी का सेटअप लगाया। इस सेटअप का संचालन करने के लिए कर्मचारी भी नियुक्त किए। विश्वविद्यालय स्तर से कम्युनिटी रेडियो का प्रसारण शुरू हो गया, तो प्रबंधन ने लापरवाही बरतना शुरू कर दिया। लापरवाही का खामियाजा यह निकला कि रेडियो के लायसेंस की समय सीमा खत्म हुए दो माह से ज्यादा का समय हो गया, लेकिन प्रबंधन को इस बात की जानकारी नहीं है। प्रबंधन की लापरवाही की पोल खुली तो प्रबंधन तो कागजी कार्रवाई पर पूरा आरोप लगाते हुए जल्द से जल्द लायसेंस का नवीनीकरण कराने की बात कह रहा है।
2015 में कम्युनिटी रेडियो चलाने की मिली थी मान्यता
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय को वर्ष 2015 में कम्युनिटी रेडियों का प्रसारण करने की जिम्मेदारी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मिली थी। जिम्मेदारी मिलने के बाद तत्कालीन कुलपति डॉ. मानसिंह परमार ने छात्रो को रेडियो जॉकी बनाने और क्षेत्रीय भाषा में प्रसारण करवाकर किसानों को मदद मिलने की बात कही थी। यह सब बाते कम्युनिटी रेडियो सेटअप लगने के बात हवा हवाई हो गई है। केटीयू प्रबंधन ने स्थानीय भाषा चंद ऑडियो क्लिप और कार्यक्रम बनवाएं है। जिन्हें बार-बार प्रभारियों द्वारा चलाया जाता है।२ करोड़ का है सेटअपकेटीयू प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार कम्युनिटी रेडियो और टीवी प्रसारण का संचालन विश्वविद्यालय से हो सके इसलिए प्रबंधन ने रेडियो और टीवी प्रसारण का २ करोड़ का सेटअप लगाया था। इस सेटअप की जिम्मेदारी इलेक्ट्रानिक विभाग के विभागाध्यक्ष को दी गई थी। विभागाध्यक्ष ने चहेतों को प्रसारण की जिम्मेदारी देकर पूरी व्यवस्था ठप्प करवा दी। अब विभागाध्यक्ष पूरा ठीकरा दूसरे पर फोड़कर जल्द से जल्द लायसेंस नवीनीकरण कराने की बात कह रहे है।