मंबई. #Nirbhaya निर्भया के परिवार को दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi Coart) ने इंसाफ दे दिया। शुक्रवार 5.30 बजे निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। एक साथ 4 आरोपियों को फांसी में लटकाने का यह पहला मामला देश में नहीं है। इससे पहले 1983 में मुंबई की यरवदा जेल(Yarvada Jail) में एक साथ 4 दोषियों को फांसी दी जा चुकी है। यरवदा जेल में जिन आरोपियों को 1983 में फांसी दी गई थी।
NirbhayaCase : फांसी के फंदे पर झूल गए निर्भया के चारों दोषी
यह है मामला
जोशी-अभयंकर हत्या मामला में शामिल 4 आरोपियों को कोर्ट के निर्देश पर 1983 में एक साथ यरवदा केंद्रीय जेल में फंदे पर लटकाया गया था। इनके नाम राजेंद्र जक्कल, दिलीप सुतार, शांताराम कन्होजी जगताप और मुनावर हारून शाह थे। इन चारों को 25 अक्टूबर 1983 को एक साथ फांसी दी गयी थी। इन आरोपियों पर जनवरी 1976 और मार्च 1977 के बीच 10 हत्याएं की थी। आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए पुलिस ने सुभाष चांडक नाम के शख्स को गवाह बनाया था। ये सभी आरोपी पुणे के अभिनव कला महाविद्यालय के स्टूडेंट थे और वाणिज्यिक कला में पढ़ते थे। नशे का शौक पूरा करने के लिए आरोपियों ने वारदात को अंजाम देना शुरू किया था और पहली वारदात में अपने सहपाठी का अपहरण करके उसकी हत्या कर दी थी।