सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश की अंदेखी कर ईएसआईसी दे दिया था संचालक पद का प्रभार
वर्षों से चल रहे दवा खरीदी व अन्य भ्रष्ठाचार को छुपाने चहेत अधिकारी का चयन
रायपुर। High Court Instruction for ESIC: कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं (ईएसआईएस) में समान्य प्रशासन के आदेश को दरकिनार करके संचालक की प्रभार दे दिया गया था। जिस के विरुद्ध वरिष्ठता सूची के अनुसार पद की दावेदार महिला चिकित्सा अधिकारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद श्रम विभाग ने संचालक को हटा दिया है।
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हालांकि अभी तक ईएसआईएस के संचालक पद पर किसी को नियुक्ति नहीं दी गई है। बतादें कि जिस अधिकारी को संचालक बनाया गया था उनके ऊपर चार वरिष्ठ अधिकारी विभाग में छोटी-छोटी डिस्पेंसरी में सेवाएं दे रहे हैं।
हाईकोर्ट (High Court Instruction for ESIC) ने वरिष्ठता क्रम में आने वाली डॉ. विभा वाजपेयी को संचालक के पद पर नियुक्ति करने के लिए निर्देशित किया है। अहम बता यह है कि मेडिकल एमरजेंसी के समय पर ईएसआईसी के संचालक पद को खाली रखा गया है।
दायर हुई थी यह याचिका
हाईकोर्ट में विभा वाजेपीयी ने याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी को पूर्व संचालक के सेवा निवृत्त होने पर श्रम विभाग के अवर सचिव एफ केरकेट्टा के आदेश पर ईएसआईसी के संचालक का प्रभार डॉ. राजेश डेगन को दिया गया था।
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जबकि वरिष्ठता क्रम के अधार पर पहले स्थान पर डॉ विभा बाजपेई, डॉ. एआर देशपांडे, डॉ. एके वर्मा, डॉ. जयंती पदमाकर शर्मा के बाद डॉ. राजेश डेगन का नंबर है। इनमें से दो अधिकारियों ने वीआरएस ले लिया, ऐसे में तीन अधिकारियों को बाईपास करके संचालक का प्रभार दिया गया था। इस आधार पर कोर्ट (High Court Instruction for ESIC) ने संचालक पद पर विभा बाजपेयी को नियुक्त करने का आदेश दिया है।