NEWS DESK. देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 4 हजार से पार हो गई है। मौत का आंकड़ा भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के मरीजो से संबंधित कुछ और भी आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों में से 86 फीसदी ऐसे हैं जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी मसलन डायबिटीज , हाईपरटेंशन और दिल की बीमारियां रही हो।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस से मरने वाले 63 फीसदी मरीज 60 साल के ऊपर के हैं, वहीं मृतकों में 86 फीसदी वो लोग थे जिन्हें पहले से डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारी जैसी समस्याएं थीं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि इस महामारी से मरने वालों में 30 फीसदी लोग 40-60 आयु वर्ग वाले थे और सिर्फ 7 फीसदी लोग 40 साल से कम वाले थे। इससे उम्र और मृत्यु दर के बीच के संबंध का पता चलता है।
भारत में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा विदेशी आंकड़ों की ही तरह है जहां 60-80 आयु वर्ग के लोगों की अधिकतम मौतें दर्ज की गई हैं। वहीं, भारत में अब तक कोरोना की चपेट में आने वाले 76 फीसदी लोग पुरुष हैं और मरने वालों में भी 73 फीसदी लोग पुरुष ही हैं।
सरकार के ये आंकड़े बताते हैं कि कोरोना वायरस बुजुर्गों को ज्यादा आसानी से अपना शिकार बना रहा है। हालांकि 60 साल से कम उम्र में मरने वालों का आंकड़ा 37 फीसदी है। वहीं मृतकों में 86 फीसदी लोग वो थे जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित थे। इसलिए जिन युवाओं को पहले से सेहत से जुड़ी कोई समस्या है, उनमें भी कोरोना वायरस का उतना ही खतरा है।