सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सतर्क हैं ये ग्रामवासी, जानिए लाखों में एक इस गांव को की दिनचर्या
रायपुर. कोरोना वायरस… एक ऐसा वायरस जिसने भारत ही नहीं पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। चीन से निकले इस वायरस के दुनिया का कोई देश अछूता नहीं रहा। इस वायरस के संक्रमण को रोकने का एक ही इलाज है और वह है सोशल डिस्टेंसिंग.. मगर क्या हम और आप इस सोशल डिस्टेंसिंग की बात को मान रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे जाहिल तालीमदारों की भी बाढ़ सी आ गई है जो खुद की जान को जोखिम में डाल रहे हैं पूरे समाज को कोरोना की आग में झोंकने पर अमादा हैं। ऐसे में हम एक ऐसे गांव की तस्वीर आपको दिखा रहे हैं.. जिसे देखकर हम अपने शहरी होने पर शर्म महसूस करने लग जाएंगे।
रायपुर की नई राजधानी के अंतर्गत आने वाला कुर्रू गांव वैसे तो आम गांव जैसा एक गांव ही ही है लेकिन देशव्यापी लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के बाद गांव के लोगों ने अपने सूझबूझ का परिचय देकर तामाम गांवों के लिए एक मिसाल कायम कर दी है। गांव लॉक डाउन से पहले ही 12 को मार्च को बाहर से एक व्यक्ति अपने रिश्तेदार के घर से आया था। गांव वालों ने यहां अपनी सजगता का परिचय देकर बकायदा उसकी जांच करवाई और उसे होम क्वारेंटाईन में रखा। गांव वाले उसकी नियमित देखरेख कर रहे हैं और भी नियमों के साथ।
सामाजिक भवन और स्कूल को बना दिया क्वांरेंटाईन कक्ष
एक ओर जहां पूरा शासन प्रशासन कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है वहीं गांव वालों को सोच देखिए उन्होंने गांव के ही सामाजिक भवन और स्कूल के कमरों को बाहर से आने वालों के लिए क्वॉरेंटाइन के लिए आरक्षित कर दिया, ताकि कोई संक्रमित व्यक्ति आए तो गांव के लोगों को इसका असर न पड़े।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

गांव के लोग लगातार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। बच्चों को विशेष रूप से एक दूसरे से मिलने से रोका गया है। घर में ही बच्चे परम्परागत खेलों के जरिए अपना मनोरंजन कर रहे हैं। यहां तक किराने की दुकान हो या हैंडपंप में पानी भरने वाली भीड़ सबके लिए 6 फीट की दूरी पर गोल घेरा बनाया गया है। शासकीय उचित मूल्य की दुकान में भी इसी सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया जा रहा है। एक व्यक्ति का कार्य पूर्ण होने पर दूसरा व्यक्ति आगे बढ़ता है।

न कोई सामूहिक कार्यक्रम होंगे न लगेंगे हाट बाजार

ग्राम पंचायत कुर्रू के सरपंच रामदीन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक जो लॉक डाउन की घोषणा की है उसके तहत हमने अपने गांव स्तर पर भी तैयारी की है जिसमें सामूहिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध के साथ ही बाहरी व्यक्तियों के साथ संपर्क न आने के हिदायत दी गई है। साथ ही हाट बाजार को भी बंद किया गया है। किराने की दुकानों को सुबह 7 से 10 बजे सुबह और शाम 5 से 8 बजे तक ही खोलने का फैसला लिया गया है।
स्वावलंबन की भी बानगी

गांव में ही स्थानीय दर्ज़ी और महिलाओं को मास्क बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं धारा 144 के पूर्ण पालन को लेकर भी गांव वाले बेहद संजीदा नजर आ रहे हैं। इसके लिए घर-घर जाकर समझाइश भी दी जा रही है। गांव वालों को जागरूक किया जा रहा है कि वे लगातार अपने हाथ धोते रहें व मास्क लगाएं।