NEWS DESK. भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों (Corona virus infected in India) की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। आने वाले जो सप्ताह भारत के बेहद खास है और यही दो हफ्ते भारत की तकदीर लिखेंगे। दरअसल दूसरे देशों की स्टडी यही कहती है कि भारत उस स्टेज में पहुंच चुका है जहां से दूसरे देशों में इस महामारी (epidemic) ने एक गंभीर रूप ले लिया था।
हालांकि भारत में अभी भी वायरस संक्रमण की रफ्तार दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम हे लेकिन जरा सी लापरवाही भारत को एक गंभीर स्थिति में ला सकता है। क्योंकि कोरोना वायरस (coronavirus) एक ऐसा वायरस है जिसे लेकर अब तक चीन ने सिर्फ और सिर्फ झूठ बोला लिहाजा इस वायरस को लेकर अभी तक कोई अहम रिसर्च सामने नहीं आ पाए हैं।
दो सप्ताह बदल गए तमाम समीकरण
बता दें कि दो सप्ताह के दौरान ही इटली में 5 हज़ार से 50 हज़ार केस कोरोना वायरस (coronavirus) के सामने आए थे। अमेरिका की हालत तो इससे भी बुरी हुई और वहां इन दो हफ्तों के दौरान पांच हज़ार संक्रमितों की संख्या बढ़कर दो लाख हो गई। स्पेन में दो हफ्ते में 5 हज़ार से 80 हज़ार केस सामने आए। तो ये तो रही दुनिया के वो देश जिनकी मेडिकल फेसिलिटी को लेकर कोई शंका किसी को नहीं लेकिन इन सब के बीच हम कहां होंगे ये गौर करने वाली बात होगी।
भारत में अगला दो सप्ताह.. संभल गए तो बेहतर
भारत में आने वाले दो सप्ताह में क्या होने वाला है ये तो कहा नहीं जा सकता लेकिन भारत के लिए ये दो सप्ताह काफी अहम है। भारत में कोरोना वायरस (coronavirus) संक्रमितों की तादात डेढ़ महीने में महज 500 तक ही पहुंच पाई थी। लेकिन यही आंकड़ा 500 से 5 हजार बनने में महज दो सप्ताह का वक्त लगा। खास बात यह कि कोरोना (coronavirus) के केस के मामले में हम इटली, स्पेन और अमेरिका से दो हफ्ते पीछे चल रहे हैं। अमेरिका में सिर्फ पिछले दो हफ्ते में कोरोना के केस पांच हजार से दो लाख पहुंच गए। बस यही बात भारत के लिए सबक लेने वाली है ताकि हम उन देशों की गलतियां यहां न दोहरा सकें।
ऐसे बढ़ा संक्रमण का आंकड़ा
दरअसल 30 जनवरी को भारत में पहला मामला सामने आया था। फरवरी का महीना भी कंट्रोल में ही थी लेकिन मार्च के दो सप्ताह में आंकड़े जरूर बढ़े फिर भी कंट्रोल में ही था। फिर मार्च का तीसरा सप्ताह आया जहां कोरोना ने अपनी रफ्तार पकड़ ली। 22 मार्च आते-आते देश में कोरोना के मरीजों की तादाद 500 जा पहुंची। हालांकि ये चिंता की बात नहीं थी क्योंकि 30 जनवरी से 22 मार्च तक यानी डेढ़ महीने में भारत में कोरोना के कुल 500 ही केस पाए गए थे।
अचानक 22 मार्च के बाद भारत में कोरोना coronavirus की तस्वीरें बदलनी शुरू हो गई। 500 से 5000 तक पहुंचने में सिर्फ़ अगले दो हफ्ते का वक्त लगा। जहां 22 मार्च को कोरोना के मरीजों की तादाद सिर्फ़ 5 सौ थी वहीं 8 अप्रैल आते आते 5 हज़ार हो गई।