पुलिस के हस्तक्षेप के बाद महिला गांव वापस, 14 दिन घर से बाहर न निकलने की समझाईश
बालोद. डौंडीलोहारा ब्लॉक के हाथीगोड़रा गांव में एक महिला को गांव से महज इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि वह बाहर से आई थी। मामले की शिकायत पर पुलिस ने महिला की जांच करवाई लेकिन फिलहाल उसमें कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि उसे 14 दिन की निगरानी में भेज दिया गया है।
मिली जानाकारी के मुताबिक कोरोना वायरस के डर से ग्रामीणों ने एक महिला पर गांव में रहने की बंदिश लगा दी। इसके बाद वह महिला बालोद थाना पहुंची और मदद की गुहार लगाने लगी। मामला शनिवार का है। महिला ने पुलिस से कहा कि गांव वालों ने उसे बाहर निकाल दिया है।
दरअसल उक्त महिला बेमेतरा जिले के रांका से आई थी, जिस गांव में गांव वालों ने रहने से मना किया वह महिला का मायका है। 2 दिन से वह अपने मायके हाथीगोड़रा में रह रही थी। जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने उसे कोरोना संदिग्ध मानकर गांव से बाहर जाने की बात करने लगे। महिला घर में अपनी मां के साथ रहती थी, लेकिन गांव वालों ने इस पर आपत्ति जताते हुए उसे गांव से चले जाने को कहा। महिला कुछ दूर पैदल चलने के बाद किसी से लिफ्ट लेकर बालोद थाने पहुंची और अपनी आपबीती सुनाई।
पुलिस ने मामले को संजीदगी से लेते हुआ महिला को अस्पताल पहुंचाया जहां उसका कोरोना टेस्ट करवाया गया। हालांकि महिला में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखाए दे रहे हैं। पुलिस उसके बाद महिला को उसके मायके ले गई और गांव वालों को समझाया। जब पुष्टि हुई कि अभी उसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं है, ना ही वह किसी तरह से बीमार है। तब पुलिस की गाड़ी से ही महिला को वापस मायके पहुंचाया गया। जहां ग्रामीणों को भी पुलिस ने समझाईश देते हुए महिला को 14 दिन घर पर ही रहने की सलाह दी।
महिला के मुताबिक 6 माह पहले वह अपने पति के साथ पुणे में काम करती थी फिर काम बंद हुआ तो वह बेमेतरा जिले में आ गई। इस दौरान पति ने शराब पीकर मारपीट शुरू कर दी। तंग आकर उसने पति का साथ छोड़ दिया और भटकते हुए एक हफ्ते पहले बालोद में अपने रिश्तेदार के घर आई। इसके बाद अपने मायके आ गई।