बालोद. इन दिनों देशभर में लॉकडाउन को लेकर भले ही लोग घरों में बैठे बैठे बोर हो रहे हों लेकिन इसका एक सकारात्मक पहलु यह भी है कि बचपन के दिन वापस लौट रहे हैं। टीवी और सोशल मीडिया से परे भी लोगों ने वक्त बीताने की गरज में पुरानी यादों को सजोना शुरू कर दिया है।
बैसे तो समय बीताने के कई तरीके पुराने दौर में होते थे जो आधुनिकता की भेंट चढ़ गए थे। अब वही दौर वापस देखने को मिल रहा है। इन्ही तरीको में से एक तरीका है पतंगबाजी का… बालोद शहर में शाम होते ही आसमान में रंग-बिरंगी पतंगे यहां के आसमान में अनोखी छटा बिखेर रहा है। बड़ी संख्या में लोग पतंगबाजी कर रहे हैं। इसमें सोशल डिस्टेंसिग का पालन भी कर रहे हैं और उनका मनोरंजन भी ही रहा है शहर में शाम के समय भ्रमण से ऐसा लगता है मानो बचपन लौट आया है।
देश भर में लॉक डाउन की घोषणा के बाद से लोग अपने-अपने घरों में क़ैद से होकर रह गए है।दिन भर बाज़ारो का चक्कर काटने वालो के लिए मानो पैर में बेड़ियाँ डाल दी गयी हो। अगर कोशिश भी करते हैं बाहर निकलने की तो पुलिस की गश्त देख लोग वापिस घरों को लौट जाते हैं।
बालोद शहर के लोगों ने अपने सहूलियत के हिसाब से तरीका खोज निकाला है। उन्ही तरीको में से एक है पतंग उड़ाने का। नगर में सूरज ढलते ही आसमान में रंगबिरंगी दर्जनों पतंगे उड़ती हुई दिखाई देने लगती है। सभी अपने अपने छतों से शोर मचाते और एक दूसरे से पेंच लड़ाते हुए जमकर आनंद ले रहे हैं। बच्चे तो बच्चे है उनके साथ बड़े भी अपना बचपन दोहराते हुए बराबर की पतंगबाजी कर रहे हैं।