भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग यूनिट अब रिसर्च के क्षेत्र में अहम रोल निभाएगा। विवि प्रशासन ने अब पीएचडी वाइवा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाइव करने का निर्णय लिया है। यानी पीएचडी शोधार्थी के वाइवा के दौरान होने वाले प्रजेंटेशन व सवाल-जवाब अब सभी शोधकेंद्रों के शोधार्थी अपने सेंटर में ही बैठकर देख सकेंगे। यही नहीं, वे चाहें तो एक्सटर्नल या शोधार्थी दोनों से ही लाइव बातें भी करेंगे। सोमवार को विवि पीएचडी कंप्यूटर साइंस विषय का वाइवा कराएगा, जिसका फायदा उक्त शोधार्थियों के साथ-साथ विषय के बीटेक और एमटेक विद्यार्थियों को भी मिलेगा। वाइवा के पहले विवि की ओर से शोधकेंद्र या कॉलेज टाइम शेड्यूल की जानकारी दी जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को इसको बारे में बताया जा सके।
पहले क्या होती थी प्रक्रिया
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग यूनिट से वाइवा लाइव करने के पहले तक विवि सामान्य तौर पर रिसर्च स्कॉलर्स को बुलाकर या प्रोफेसरों की मौजूदगी में प्रजेंटेशन करा दिया करता था। इस प्रक्रिया से सिर्फ वही रिसर्च से जुड़ते थे, जिन्हें वाइवा देने के लिए बुलाया गया हो। बड़े स्तर पर शोध विषय, उसमें दिए गए प्रजेंटेशन को ऑडियंस नहीं मिल पाती थी।
सीएसवीटीयू ऐसा करने वाला पहला विवि
विवि के शोध कार्य प्रभारी ओपी मिश्रा ने बताया कि इस तरह की व्यवस्था करने वाला सीएसवीटीयू पहला संस्थान है, जहां शोधार्थियों व शोधकेंद्रों को एक साथ जोडक़र वाइवा लाइव कराया जा रहा। इसका फायदा एमटेक के विद्यार्थियों को भी मिलेगा, जो आगे चलकर पीएचडी करने के इच्छुक होते हैं। कॉलेज या शोधकेंद्र की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग यूनिट में सभी को प्रवेश देने निर्देशित किया गया है। फिलहाल विवि के १३ संबद्ध शोधकेंद्र इससे जोड़ दिए गए हैं, जहां व्यवस्था शुरू है।
यूनिट से होंगे लाइव सेशन
वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए विवि ऑनलाइन कक्षाएं लगाया करता है। यूनिट सिर्फ अधिकारिक बैठकों तक ही सीमित नहीं है। बल्कि इससे छात्रों को भी फायदा पहुंचाने की योजना है। विवि समय-समय पर देश-दुनिया के नामी विशेषज्ञों को आमंत्रित करेगा। विशेषज्ञ विवि में लगे सिस्टम के जरिए छात्रों से चर्चा कर पाएंगे। छात्रों के लिए स्पेशल लाइव सेशन होंगे। प्रायोगिक तथ्य समझाए जाएंगे। तकनीक की मदद से छात्र एक्सपर्ट के साथ कोर्स, कॅरिकूलम सहित विभिन्न मुद्दों पर सवाल-जवाब भी कर पाएंगे।