करोनो संक्रमितों के इलाज में जुटी हैं 24 घंटे
रायपुर। Corona Treatment : कोरोना से जंग लड़ रहे मेडिकल स्टॉफ के लिए, Chhattisgarh के कोरबा (Korba) की दिव्यांग (Handicapped) बेटी ने मिसाल पेश की है। छत्तीगढ़ की किरण उमाशंकर सेन, नागपुर स्थित मध्य रेलवे चिकित्सालय में अधीक्षक(doctor) के पद पर काम कर रही हैं। किरण कोरोना वायरस (CoronaTreatment) नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी कर रही हैं।
यह भी पढ़े: आधा दर्जन जिलों में कटघोरा लिंक, हरकत में प्रशासन, संक्रमति से हुआ था संपर्क
किरण उमाशंकर सेन का एक पैर जन्म से ही टेढ़ा था। जिससे उन्हें चलने में काफी परेशानी होती थी। 2015 में एंप्यूटेशन कराया हैं। वो कृत्रिम पैर के सहारे दिन में 24 घंटे कारोना संक्रमितों का इलाज (Corona Treatment) कर रही हैं। वर्तमान में महाराष्ट्र में बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या के कारण दिन रात सेवाएं दे रही हैं। उनकी निगरानी में 7 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
कोरबा की रहने वाली हैं किरण
किरण सेन मूलत: Korba की रहने वाली है। इन्होंने अपनी पढ़ाई गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज जगदलपुर से पूरी की है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की एवं 2016 में राजिम में नर्सिंग अधीक्षक के रूप में पदस्थ हुई। एक महीने पूर्व रेलवे नागपुर में नर्सिंग अधीक्षक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। वे विषम परिस्थितियों में भी अपना दायित्व का निर्वहन कर रही है।
यह भी पढ़े: Lockdown In CG: भूपेश सरकार ने किसानों को दी सौगत, फसल बीमा का 533 करोड़ 9 लाख जारी
पति से सिर्फ वीडियों कॉलिंग पर बात
कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए किरण बीते 14 दिनों से घर नहीं गई हैं। वों वीडियों कॉलिंग में पति से बात करती हैं। डॉ. किरण का कहना है, कि संक्रमितों का इलाज करने में, उनका पति हौसला बढ़ाते है।
व्हीलचेयर बास्केट बॉल खिलाड़ी भी हैं किरण
किरण की तरक्की में शारीरिक अक्षमता कभी आड़े नहीं आई। वह अपने नाम की ही तरह, हमेशा आगे बढऩे में विश्वास रखती है। किरण ने एक व्हीलचेयर बास्केटबॉल खिलाड़ी भी है। वो अपने जिंदा दिली के साथ ही दीव्यांग व अन्य साथियों को भी आगे बढ़ाने का काम कर रही है।