रायपुर. एक ओर जहां पूरी दुनिया कोरोना की वैश्विक महामारी (Global epidemic) से जूझ रही है वहीं लोगों को सुविधा दिलाने के लिए बैंकिंग कॉरस्पॉन्डन्स (Banking correspondence) की सखियां घर-घर जाकर लोगों को बैंकिंग सुविधा प्रदान कर रही हैं।
लॉकडाउन के कारण लोग घर में रहने मजबूर है। इस परिस्थिति में बैंकिंग कॉरस्पॉन्डन्स Banking correspondence यानि बीसी सखियों ने ग्रामीणों के घर पहुंचकर पेंशन, मजदूरी भुगतान सहित अन्य बैंकिंग सुविधा पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। संकट के समय ग्रामीणों को बीसी सखी के तौर पर एक बड़ी मदद मिल रही है। अपने पारा-मोहल्लों में पेंशन और मजदूरी की राशि मिलने से ग्रामीण खुश हैं। लॉकडाउन अवधि में ही 55 बीसी सखियों के द्वारा 2 करोड़ 25 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। वही साल भर हुए शुरुआत से लेकर अब तक करीब 48 करोड़ रुपये का पेंशन और मजदूरी भुगतान किया गया है।

बीसी सखी लोगो को पेंशन मजदूरी भुगतान कर कोरोना संकट में अपनी योगदान देकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बीसी सखियां के द्वारा मनरेगा मजदूरी, किसान सम्मान निधि योजना तथा सभी प्रकार के पेंशनों का वितरण किया जा रहा है।
सरगुजा जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुलदीप शर्मा के नेतृत्व में करीब एक वर्ष पूर्व बीसी सखी की शुरुआत किया गया। वर्तमान में 70 से अधिक बीसी सखी अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय है। बीसी सखी ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा देने लैपटॉप, स्वाइप मशीन एवं पॉश मशीन का उपयोग करती है। बैंक द्वारा कमीशन के रूप में उन्हें प्रति माह 4 से 5 हजार रुपये मिल जाते हैं।