भिलाई . अपने दिवंगत परिजनों को याद करने के लिए मुस्लिम समुदाय shab e barat शब-ए-बराअत मनाता है। इस साल 9 अप्रेल को यह इबादत की रात आने वाली है। कोरोना का असर इस खास रात पर भी पड़ेगा। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए शहर की कब्रिस्तान इंतेजामिया कमेटी ने ऐसे मौके पर किसी तरह का भी तकरीरी नहीं करने का फैसला लिया है।
लोगों से घरों में इबादत करने अपील की गई है और कमेटी ने अपनी ओर से सभी कब्रों में फूल पेश करने का फैसला लिया गया है। कमेटी के सदर शमशीर कुरैशी ने बताया कि चांद की तस्दीक हो चुकी है और 9 अप्रैल को शब-ए-बराअत मनाई जानी है।

कोरोना लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के हालात के चलते शहर की तमाम मस्जिद कमेटियों की रजामंदी से यह फैसला लिया गया है shab e barat कि कब्रिस्तान हैदरगंज कैम्प-1 भिलाई में किसी तरह का कोई कार्यक्रम नहीं होगा।
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लोग अपने-अपने घरों में नवाफिल नमाज अदा करें, तिलावत करें और आलमे इस्लाम के सभी मरहूमिनों के लिए मग्फिरत के साथ हमारे मुल्क हिंदुस्तान की हिफाजत की दुआएं करें। उन्होंने अपील की है कि कोई भी कब्रिस्तान न पहुंचे।