रायपुर . गृह मंत्रालय ने शनिवार को एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि ई-कॉमर्स कंपनियां सिर्फ जरूरी प्रोडक्ट ही बेच सकेंगी। इसका मतलब ये हुआ कि एमेजॉन और flipkart फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों से आप खाने-पीने से जुड़े प्रोडक्ट ही मंगा पाएंगे। लॉकडाउन अभी ३ मई तक के लिए लागू हुआ है, लेकिन गर्मी को देखते हुए नागरिकों को राहत दी गई है।
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वे दुकानों से फ्रीज, एसी या कूलर खरीद सकते हैं, लेकिन वें ई-कॉमर्स flipkart वेबसाइट्स से ऑर्डर नहीं मंगवा पाएंगे। इससे पहले सरकार ने कहा था कि मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद ई-कॉमर्स कंपनियों के मंच पर 20 अप्रैल से उपलब्ध होंगे। आदेश जारी होने के बाद इन कंपनियों पर दवाब बढ़ा और सामान लोगों तक पहुंचाया भी गया।
देशभर में हुआ था विरोध
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स की भिलाई flipkart इकाई कुछ ही देर में जिला कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें अपना विरोध ज्ञापन सौप। ज्ञापन में कहा गया कि ई कामर्स E commerce कंपनियों(अमेजन,फ्लिप्कार्ड व स्नैपडील) को इलेक्ट्रॉनिक्स, टीवी, मोबाइल और अन्य सामान बेचने की खुली छूट और दुकानों में बंदिश के फैसले का छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री भिलाई इकाई पुरजोर विरोध करती है।
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ऐसे तो होगा हमारे साथ धोखा
व्यापारियों का कहना है कि इस निर्णय से व्यापार जगत को बहुत गहरा आघात पहुंचा है। लॉक डाउन के दौरान एक माह से सरकार के हर कदम के सहयोगी बने जिले के व्यापारी अपना कारोबार बंद रखकर E commerce सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने में हमेशा प्रधानमंत्री के आव्हान पर से सहभागी बने।
ऑनलाइन कंपनियों को स्वीकृति देश और प्रदेश की जनता की सेवा, अर्थव्यवस्था में भागीदारी करने वाले व्यापारी वर्ग ने गर्मी के सीजन के साथ शादियों के सीजन के लिए पूर्व में तैयारी कर जरूरत का माल खरीदा था। व्यापारी को लाकडाउन के बाद छूट से कारोबार की उम्मीद थी। केंद्र सरकार द्वारा व्यापारियों को कारोबार की छूट ना देकर ऑनलाइन कंपनियों को समस्त वस्तुओं के व्यापार की अनुमति देना छोटे और मझोले व्यापार को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। ्र