धमतरी जिले में आदिवासी कमार बच्चो को अंग्रेजी सिखाने के लिए प्रशासन ने एक नायाब तरीका अपनाया है। इस नए प्रयोग का असर भी अब दिखने लगा है। बच्चे बड़ी आसानी से खेल-खेल में अंग्रेजी की तालीम ले रहे हैं।
बता दें कि जिले में इस प्रयोग से जहां वनवासी क्षेत्रों में निवास करने वाले बच्चों को बेहतर तालीम दी जा रही है वहीं उन्हें दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इस प्रयोग के चलते बच्चे बड़ी आसानी से अंग्रेजी सीख रहे है। अंग्रेजी का सही उच्चारण भी कर रहे हैं। इस प्रयोग का नाम है… स्क्वेयर पांडा.. जी हां ये एक शिक्षा पद्धति है.. जिसमें बच्चो के हाथो में टेबलेट देकर… उन्हे पढ़ाया जाता है..क हर 10 बच्चे के पीछे एक टेब दिया गया है.. और स्क्वायर पांडा एप के जरिये.. उन्हे खेल खेल में अंग्रेजी सिखाया जाता है।
फिलहाल यह प्रयोग धमतरी के सात स्कूलो में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चलाया जा रहा है… इसकी सफलता को देखते हुए.. आने वाले समय में ये और स्कूलो में लागू होगा.. जाहिर है.. आदिवासी और जंगली इलाको के बच्चे इस ग्लोबल भाषा अंग्रेजी को सीखेंगे.. तय है कि इसका लभ उन्हे जीवन भर मिलेगा…. धमतरी शिक्षा विभाग स्क्वायर पांडा के शुरूआती सफलता से उत्साहित है।