रायपुर. नाम पायल, पिता ओमप्रकाश, उम्र 6 साल। यह बच्ची पांच साल पहले बड़ोदरा से गुम हो चुकी है। जिस भी सज्जन को मिले कृप्या बताए गए नंबर पर फोन करें। यह मैसेज पिछले पांच सालों से फेसबुक और व्हाट्सएप पर लगातार शेयर किया जा रहा है। अब तक इस पोस्ट को तीन लाख से ज्यादा लोगों ने शेयर किया है। कोई भावनाओं में बहकर इसे शेयर कर रहा है तो कोई बच्ची की फैमली को सपोर्ट करने के बारे में कमेंट कर रहा है। इस पोस्ट को शेयर करने वालों में अधिकतर पढ़े-लिखे लोग है। जिनके दिमाग में एक बार भी यह सवाल नहीं उठता कि एक बार इसकी वास्तविकत जांच ली जाए। दरअसल, इस तरह की पोस्ट पब्लिसिटी स्टंग और ट्रायल एंड ऐरर मैथेड के लिए सोशल साइट्स पर अपलोड की जाती है। जिन्हें लोग बिना सोचे समझे शेयर करते हैं। एक्सपट्र्स का मानना है कि तरह की पोस्ट रियल टाइम में होती ही नहीं है।
क्या है ट्रायल एंड ऐरर मैथेड
इसमें यह चेक किया जाता है कि यदि कोई मैसेज सोशल साइट्स पर अपलोड किया जाए तो वह कितनी तेजी से दूसरों तक पहुंचता है। कितने लोग उसे देखते हैं। यह अंतर अन्य पोस्ट के कम्पेयरेजन में होता है। अंतर चेक करने के लिए ज्यादा पोस्ट धर्म, गुमशुदगी या किसी विवादात्मक चीजों पर किए जाते हैं। ट्राइल एंड ऐरर मैथेड सबसे ज्यादा सोशल कैंपेनिंग फर्म यूज करती है। ताकि वह अपने प्रोडक्ट डिटेल ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए जाने का अनुमान लगा सके।
राजस्थान से निकला ट्रक आखिर कब पहुंचेगा
कुछ साल पहले एक मैसेज फेसबुक पर फ्लो में आया। मैसेज में बताया गया कि राजस्थान से एक ट्रक महाराष्ट्र के लिए निकला है जो अचानक गायब हो गया। पोस्ट अपलोड किए जाने के कुछ घंटे बाद ही इसमें तीस हजार कमेंट्स हो चुके थे, जबकि हजारों लोगों ने इसे शेयर करना शुरू कर दिया। बगैर सच्चाई जाने लोग आज भी इस पोस्ट को बराबर शेयर कर रहे हैं।
फेसबुक व्हाट्सएप नहीं करते रिचार्ज
हाल ही में व्हाट्सएप के हजारों ग्रुप मेम्बर एक दूसरे को मैसेज पास कर रहे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि लिंक शेयर करने पर व्हाट्सएप सौ रुपए का रिचार्ज देगा। अब जरा ध्यान दें। व्हाट्सएप एक साल पहले फेसबुक ने खरीद लिया है। फेसबुक ऐसी कंपनी है, जो चैरेटी में विश्वास नहीं करती। अब जो कंपनी दान जैसी चीजों में विश्वास नहीं करती वह मिलियन लोगों को फ्री में रिचार्ज कैसे देगी। यह उन लोगों के दिमाग में कभी आया ही नहीं जो इसे शेयर करते हैं। जबकि सच्चाई ये है कि व्हाट्सएप चलाने के लिए कंपनी साल के अंत में आपसे पैसे मांग रही है।
एक्सपर्ट व्यू
अनिल कश्यप, साइबर एक्सपर्ट – एफ बी और व्हाट्सएप में शेयर किए जाने वाले अधिकतर यूनिक पोस्ट फर्जी होते हैं। हमें इनकी सच्चाई जाने बिना इनमें क्लिक नहीं करना चाहिए। ऐसे करने से हम एक तरह के पब्लिसिटी स्टंट को बढ़ावा दे रहे होते हैं।